सार
तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. वर्तिका नंदा ने कारागार के ‘मास्टरजी’को तिनका-तिनका इंडिया अवॉर्ड दिया। रेडियो स्टेशन के माध्यम से बंदियों की जिंदगी बदलने का प्रयास किया जा रहा है।
विस्तार
‘हमारे श्रोताओ, अब आप सुनेंगे बैरक नंबर तीन में बंद साथी बंदी की फरमाइश पर श्रीकृष्ण का भजन’। यह उद्घोष अब जिला कारागार के रेडियो स्टेशन में महिला बंदी करती हुई नजर आएंगी। तिनका तिनका फाउंडेशन की तरफ से चलाए जा रहे रेडियो स्टेशन पर बंदी पोस्टकार्ड पर अपनी पसंद का गाना लिखकर भेजेंगे तो उसे महिला जॉकी रेडियो स्टेशन से प्रसारित करेंगी।
रेडियो स्टेशन के माध्यम से बंदियों की जिंदगी बदलने का प्रयास किया जा रहा है। रेडियो स्टेशन से जहां गुमसुम रहने वाले चेहरे मुस्कुराने लगे हैं, वहीं उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करने में भी मदद मिल रही है। जॉकी बने बंदी रेडियो स्टेशन से लगातार कारागार में शिक्षा को लेकर चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दे रहे हैं।
जेल सुधारक, शिक्षाविद और तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. वर्तिका नंदा के सहयोग से वर्ष 2021 में सोनीपत जेल में रेडियो स्टेशन शुरू हुआ था। जिसके बाद सोनीपत स्टेशन में रविवार को पोस्टकार्ड सेवा शुरू करने के साथ दो महिला रेडियो जॉकी की व्यवस्था की गई है। अब बंदी या कैदी पोस्टकार्ड पर अपना नाम व बैरक लिखकर अपने पसंद के गाने, भजन व रागनी को रेडियो स्टेशन से बजवाने के लिए भेजेंगे तो उसे महिला रेडियो जॉकी बजाएंगी।
डॉ. वर्तिका नंदा ने कहा कि सोनीपत स्टेशन से शुरू की गई पोस्टकार्ड सेवा से बंदियों में पढ़ने-लिखने की भी रुचि पैदा होगी। उनका कहना है कि तिनका रिसर्च सेल भी बनाया गया है। जिसका फायदा मिल रहा है। सोनीपत के जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह का सदैव सहयोग मिला है।
साढ़े चार घंटे जेल रेडियो स्टेशन से बजते हैं गाने, भजन और रागनी
सोनीपत जिला कारागार में बंद करीब 1300 बंदी रेडियो स्टेशन का लाभ ले रहे हैं। इनमें करीब साढ़े 12 सौ पुरुष व 60 महिला बंदी शामिल हैं। रेडियो स्टेशन को सुबह साढ़े नौ बजे शुरू किया जाता है। जिस पर साढ़े तीन घंटे तक गाने, रागनी, भजन, गुरुवाणी व दिन विशेष को लेकर सूचना प्रसारित की जाती है। फिर शाम को पांच से छह बजे तक रेडियो स्टेशन पर भजन संध्या होती है।
महिला बंदी एक घंटे के लिए आएंगी रेडियो स्टेशन
सोनीपत कारागार के रेडियो स्टेशन पर जल्द नई पहल शुरू होगी। अब दो महिला बंदी भी रेडियो जॉकी की भूमिका निभाएंगी। इसके लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। महिला बंदी एक घंटे के लिए रेडियो स्टेशन में आएंगी और बंदियों-कैदियों के लिए रेडियो जॉकी की भूमिका निभाएंगी। इसके लिए कारागार में विशेष व्यवस्था की जाएगी। महिला बंदियों के रेडियो स्टेशन में कार्यक्रम प्रसारण के दौरान अन्य बंदियों को उनकी बैरक में रखा जाएगा। इसके साथ ही कारागार पर अपनी माताओं संग रह रहे बच्चों को भी गाना या अन्य कार्यक्रम जेल रेडियो के माध्यम से प्रसारित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। कारागार में पांच बच्चे अपनी माताओं के साथ रहते हैं। जिनमें से एक छोटा बच्चा है। अन्य बच्चों को कविता पाठ या अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
कारागार के ‘मास्टरजी’को दिया तिनका-तिनका इंडिया अवॉर्ड
जिला कारागार में अपने दस साथियों के साथ मिलकर जेल रेडियो स्टेशन चला रहे मास्टरजी के नाम से पहचान बना चुके कुलजीत को तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड दिया गया। डॉ. वर्तिका नंदा ने रेडियो स्टेशन में पहुंचकर उन्हें यह अवॉर्ड दिया। कुलजीत के बेहतर प्रयासों से बंदी लगातार सीख ले रहे हैं। इस दौरान जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने भी कारागार में की जा रही बेहतर पहल की सराहना की।
जेल से बाहर जाकर संगीतकार व गीतकार बनूंगा
कारागार में रेडियो स्टेशन के बंदी ने बताया कि जेल से बाहर जाकर संगीतकार और गीतकार बनूंगा। जेल में आने का पछतावा हुआ है। पहले सारा दिन गुस्से में रहता था। अब सभी से प्यार से बात करता हूं। अब परिवार वाले भी प्यार से बात करते हैं।
जेल रेडियो स्टेशन शुरू होने से कारागार के अंदर का माहौल बदल रहा है। रोजाना करीब साढ़े चार घंटे के प्रसारण के दौरान जेल में बंद कैदियों और बंदियों की रुचि के अलावा जागरूकता कार्यक्रमों का भी प्रसारण किया जाता है। इन कार्यक्रमों से उन्हें अवसाद की ओर जाने से रोकने में मदद मिलती है। -राजेंद्र सिंह, जेल अधीक्षक, सोनीपत
Courtesy: Amar Ujala
Dainik Tribune: https://www.dainiktribuneonline.com/news/haryana/tinka-tinka-jail-radio-is-changing-the-life-of-prisoners-148433