April 22 | कोरोना और जेल डायरी | Agra
आज की खबर देश की सबसे पुरानी जेल से। यह है- आगरा की जिला जेल। इस जेल में 20 मार्च से बंदी और स्टाफ मिलकर कोरोना को शिकस्त देने की कोशिश में जुटे हैं। जेल की 3 महिला बंदी और 9 पुरुष हर रोज बाहर की दुनिया के लिए सेनिटाइजर औऱ मास्क बना रहे हैं। अब तक 32,000 मास्क बनाए जा चुके हैं। इन्हें राज्य के न्यायिक अधिकारियों के अलावा, पत्रकारों, मानसिक चिकित्सालय, पुलिसकर्मियों और निजी संस्थाओं को मुहैया करवाया जा रहा है। इसके अलावा बिक्री के लिए इनकी कीमत महज 5 रूपए रखी गई है। इस राशि से ही जेल में बनने वाले सेनिटाइजर और मास्क का खर्च पूरा किया जा रहा है।
जेल के अधीक्षक श्री शशिकांत मिश्र का कहना है कि पूरी जेल को सेनिटाइज कर दिया गया है। सभी बैरकों को रोज फिनाइल से साफ किया जा रहा है और जेल के बाहर भी सेनिटाइजर लगा दिया गया है। जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो रहा है। इसके अलावा जेल रेडियो के जरिए भी बंदियों को जागरुक किया जा रहा है। इस रेडियो स्टेशन का उद्घाटन 31 जुलाई 2019 को किया गया था और इसे बंदी ही चलाते हैं।
22 अप्रैल को जेल में पुरुष बंदियों की संख्या 2462 है। इनमें 165 महिला बंदी भी शामिल हैं। आज जेल में कुल 16 बच्चे भी हैं। तादाद के हिसाब से इस जेल में दोगुना बंदी रह रहे हैं। 20 मार्च से अब तक जेल प्रशासन 620 पुरुषों और 7 महिलाओं की रिहाई कर चुका है।
-वर्तिका नन्दा
I recently saw a video in which Vartika Mam talked about how the prisoners of Rajasthan are contributing a part of their food to the needy and after from this article we can see how much the prisoners are contributing to our country during such hard times. I have heard of many people who have not taken proper precautions and are taking the situation lightly. But the jail authorities have set an example for everyone by sanitizing the prison. I hope that such activities by prison inmates and prison authorities become an inspiration for the rest of the country to do something for their society during such times of crisis.
ऐसी करुणामय स्थिति में जेल के बंदियों कि कोशिश वाकई में बहुत अद्भुत है। जेल के अंदर रहने वाले बंदी बाहरी दुनिया के लोगों के बारे में इतना सोच रहे हैं। उन लोगो के बारे में जिन्होंने शायद कभी भूल से भी जेल के अंदर रह रहे लोगों के बारे में कभी ना सोचा हो। जेलें हर स्थिति में हमें कुछ ना कुछ सिखाती है और बाहरी दुनिया को जेल से सीखने की आवश्यकता है। जेल के बंदियों के ऐसे कार्य उन लोगो के लिए आइने के समान है। जो ऐसी वैश्विक महामारी के समय को हल्के में ले रहे हैं।
The inmates are doing their best to stop the spread of this pandemic. It feels so good to see that prisoners are being so aware and helpful. The biggest human resources of ours is working towards betterment ifbthe society. What else could be better. Thanks to Vartika Ma’am for covering this story and making us aware. #Vartikananda #prisoners #human_rights#humanity #prisoners #human_rights #humanity #change#tinkatinka
Tinka Tinka has started VERY good initiative of telling story of inmates
and making 3200 mask per day a huge achievement by inmates and selling it at only 5 rupee
wow just amazed
The inmates are making masks right now and are donating to NGOs as well, isn’t it inspiring? Moreover, the masks are being sold for only 5 rupees. Great initiative from inmates!!! #tinkatinka #prison #jail #vartikananda
Dr. Vartika Nanda is a crusader on prison reforms and the first Indian to have started a continuous project solely on prison reforms. She is the founder of Tinka Tinka foundation and brings a ray of light full of hopes in the lives of inmates. This initiative brings a change in the perspective of the outside world.Her distinguished contribution in the field of humans rights and prison reforms.
Inmates of District Jail Agra also being the helping hands of outside world. 3 female and 9 male prisonerare preparing masks and sanitizer on daily basis. Each masks cost 5 rupees.
#vartikananda #prisonreform #jailmovement #tinkatinkamovement