भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत 163 तिरेसठ वर्ष पहले आज ही के दिन यानी 10 मई 1857 को मेरठ से हुई थी, जिसके कारण 10 मई को प्रत्येक वर्ष क्रान्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसलिए आज बात जिला कारागार मेरठ की, जो कि वर्ष 1857 से ही अस्तित्व में है। 134 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस कारागार की वर्तमान निर्धारित क्षमता 1707 बन्दियों की है। लेकिन इस समय यहां कुल 2355 बन्दी हैं जिनमें 2138 अड़तीस पुरुष, 125 महिला व 92 बानवे अल्पव्यस्क बन्दी हैं। महिला बन्दियों के साथ 6 वर्ष तक की आयु तक के उनके 17 बच्चे भी कारागार में रह रहे है।
जेल को कोविड-19 के संक्रमण से बचाये रखने के लिए कारागार के मुख्य द्वार से लेकर जेल के अन्दर कई जगहों पर बंदियों को जागरूक करने के लिए फ्लैक्सी बोर्ड लगाये गये हैं। बंदियों को समुचित साफ-सफाई रखने के लिए साबुन व सैनिटाईजर की व्यवस्था करायी गयी है तथा अतिरिक्त वाश-बेसिन लगाये गये हैं। बंदियों व स्टाफ को दिये जाने हेतु मास्क तैयार करने का काम जेल में ही शुरू किया गया। बंदियों व स्टाफ की आवश्यकताओं की पूर्ति के पश्चात् विभिन्न सरकारी संस्थाओं जैसे- कलक्ट्रेट, न्यायालय, पुलिस विभाग, होमगार्डस्, बिजली विभाग आदि को भी कारागार द्वारा तैयार कर मास्क दिये गये। इसके पश्चात जिला प्रशासन की मांग पर उनके लिए जाॅब वर्क के आधार पर मास्क तैयार कराये गये।
कारागार के निरीक्षणों के समय डी0आई0जी0 जेल श्री लव कुमार, जिला मजिस्टेªट मेरठ श्री अनिल ढींगरा, एस0एस0पी0 मेरठ श्री अजय साहनी तथा सी0डी0ओ0 मेरठ ईशा दुहन द्वारा जेल में निर्मित मास्क की गुणवतता को देखा एवं परखा गया एवं प्रशंसा की गयी। जिला कारागार मेरठ में अब तक 151460 मास्क तैयार किये जा चुके है तथा अभी भी मांग के अनुसार मास्क तैयार किये जा रहें है। जिला जेल मेरठ में आवश्यकता पडने पर प्रतिदिन 5000 तक मास्क तैयार किये जा सकते हैं। प्रदेश में सर्वाधिक मास्क तैयार करने वाली कारागारों में आदर्श कारागार लखनऊ के पश्चात् जिला कारागार, मेरठ दूसरे स्थान पर है।
जिला कारागार मेरठ द्वारा अपनी आवश्यकता हेतु 100 पी0पी0ई0 किट भी तैयार कर ली गयी हैं।जिला कारागार मेरठ में बंदियों के हुनर से ही सैनिटाईजेशन गैलरी का भी निर्माण किया गया है, जिसका शुभारम्भ जिला मजिस्टेट मेरठ द्वारा किया गया था। जिला कारागार मेरठ में अपनी आवश्यकता के अनुसार सैनिटाईजर भी स्वयं ही तैयार किया जा रहा है।
एक खास बात यह भी कि जिला कारागार मेरठ में श्रम कार्य करने वाले लगभग 300 बंदियों द्वारा कारागार में कार्य के बदले अर्जित किये गये अपने पारिश्रमिक मे से रु0 81250/- की धनराशि माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करायी गयी है।
लॉकडाउन की अवधि में बंदियों को अवसाद से बचाने हेतु बंदियों की एक संगीत मण्डली गठित की गयी है, जिसके द्वारा गाये गये गीत बंदियों को जेल रेडियो के माध्यम से प्रतिदिन सुनाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त बंदियों को नियमित रूप से योग एवं व्यायाम भी कराया जाता है।
जिला कारागार मेरठ में इस समय तैनात अधिकारियों का विवरण यह रहा-
क्र० | अधिकारी का नाम | पदनाम | तैनाती वर्ष |
1. | डॉ बी०डी० पांडेय | अधीक्षक | सितम्बर, २०१७ |
2. | श्री राजेंद्र सिंह | जेलर | जुलाई] २०१९ |
वर्तिका नन्दा तिनका तिनका के लिए
2355 inmates already made more 1 lakh mask and 100 ppe kit and can produce more than 5000 mask per day and also made made sanetizers per day and can you believe that they donated more than 81000 rupees to cm relief fund such an amazing example of humanity #vartikananda #tinkatinka #jail #prison
Prison inmates are contributing their bit towards the society even when most of us don’t consider them one of us. I think they ought to be appreciated and acknowledged. #vartikananda #tinkatinka #prison #jail
Thank you Tinka Tinka for providing news about the inmates even in this tough times!! Tinka Tinka has been constantly working towards prison reforms and in since last few years they have really managed to bring a lot of stories to the common people. The reforms done by Tinka Tinka is something very less people know about and even very less people have attempted it. The stories about prison inmates from Tinka Tinka book series Tinka Tinka Tihar, Tinka Tinka Dasna and Tinka Tinka Madhya Pradesh has its own feel. #tinkatinka #vartikananda #jail
Tinka Tinka foundation became a bridge between the prison world and the world outside. This initiative address things right off the bat. Dr. Vartika Nanda’s distinguished hardwork encouraged the confidence of inmates. This is the first of its kind reform for prisoner. Day by day, this initiative is taking steps for the welfare of inmates. During this lockdown period, TINKA TINKA JAIL NEWS work for prisoner by showcasing them 1-3 minutes short stories. TINKA TINKA JAIL NEWS is a very unique initiative which no one could even thought of.
By getting immense motivation from Tinka Tinka inmates at District jail of Meerut have prepared 1,51,460 masks and became the 2nd most masks producer jail in Uttar Pradesh. In this prison there are 2,355 inmates with 125 women. The facilities available for mask making is more than sufficient and in drastic situation these inmates can prepare 5,000 masks per day. They have prepared 100 PPE kit as well come up with 16-foot long sanitisation gallery which is tremendous.
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